How To Start Kirana Store In Hindi
How To Start Kirana Store Shop In Hindi
किराने की दुकान भारत में लाभ मार्जिन वाला सौदा रहा है। यहां लगभग हर गली में एक, दो किराने की दुकान देखने को मिल जाती है। जनसँख्या बढ़ने के कारण दैनिक उपयोग की चीजों की मांग भी बढ़ती है। रोजमर्रे की जरूरतों को पूरी करते है किराना स्टोर।
एक तरह से यह भी कह सकते है कि बिना किराने के दुकान के कालोनी या रेजिडेंटिसियल सोसाइटी की कल्पना भी नहीं की जा सकती। लोग सबसे पहले यही जानना चाहते है की सबसे नज़दीकी स्टोर कहाँ है? लोग सीधे – सीधे यह भी बोल देते हैं कि सबसे पास की किराना दुकान तक जाने का रास्ता बताओ। सबसे पास की किराना दुकान तक जाने का रास्ता बताओ इस सवाल का उत्तर यह है कि आप अपने ईर्द – गिर्द घूमें तो आपको अपने पास की किराना दुकान के बारे में पता चल जाएगा।
किसी भी रिटेलर के लिए लक्ष्य यह है कि वह अधिक से अधिक बिक्री हासिल करे और किसी भी समय खरीदारी करने वाले ग्राहकों की संख्या बढ़ाए। यह हमेशा एक सरल कार्य नहीं है और इसे पूरा करने के लिए कुछ रचनात्मक सोच और डेटा विश्लेषण होगा।
जिनसे आप अपनी दुकान की बिक्री बढ़ा सकते हैं। साथ ही आपको थोड़ा बहुत किराना स्टोर खोलने की जानकारी होनी चाहिये।
यह स्वरोजगार के साथ ही साथ दुसरे लोगों को भी रोजगार प्रदान करने का माध्यम है। लेकिन क्या आप जानते है की किराने के स्टोर को विस्तार कर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है! इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि कैसे किराने के स्टोर का विस्तार किया जा सकता है। और किराने की दुकान कैसे शुरू करें (kirana wholesale business kaise kare)।
किराना स्टोर का विस्तार करने के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन किया जाना चाहिए:
- किराना दुकान में वैरायटी बढ़ाएं
- ग्राहकों के जरूरत के अनुसार सामानों को रखे
- कस्टमर सर्विस अच्छी रखें
- अपने किराना स्टोर की ब्रांडिंग करें
- व्यवहार विनम्र होना चाहिए
- नई जगह की तलाश करें
- दुकान के आंतिरक डिज़ाइन का रखें खास ध्यान
- किराना स्टोर का विस्तार करने करने के लिए क्रेडिट सुविधा शुरु करें
- अपने किराना स्टोर का प्रचार करें
- दुकान का विस्तार करने के लिए ज्योतिष का सहारा लीजिए
- बिजनेस बढ़ाने के लिए कुछ टोटको का भी उपयोग करें
- पैसों का ऐसे करें इंतजाम
- किराना सामान रेट होलसेल app
किराना दुकान में वैरायटी बढ़ाएं
किराने के स्टोर (Parchun Ki Dukaan) को फेमस और अधिक मुनाफा वाला बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है स्टोर पर तमाम वैराइटी की सामानों को रखना और किराना सामान रेट होलसेल पर बेंचे।
अगर आपके किराने के स्टोर में जितने अधिक से अधिक वैराइटी के सामान (grocery items) उपलब्ध रहेंगे आपके पास उतनी ही अधिक संख्या में ग्राहक आयेंगे। इस तरह बिक्री बढ़ती जाएगी और मुनाफा भी बढ़ता जायेगा।
इसे आपको उदाहारण के तौर पर बताते हैं। माना कि अभी किसी के किराना स्टोर (Kirana Dukaan) पर लक्स ब्रांड का साबून बिकता है। लेकिन पतंजलि ब्रांड अपने नीम साबून की ब्रांडिंग और प्रचार बहुत जोर – शोर से कर रही है। जिससे लोगों को पतंजलि ब्रांड के नीम साबून के बारें में जानकारी मिल रही है। साथ ही लोगो को बताये की किराना का सामान सबसे सस्ता कहां मिलता है
अब लोग पतंजलि ब्रांड के नीम साबून को खरीदने के लिए किराना स्टोर्स पर दौड़ेंगे। लेकिन जिस किराना स्टोर पर सिर्फ लक्स ब्रांड का साबून बिकेगा, वहां ग्राहक नहीं जायेंगे। क्योंकि ग्राहकों की जरूरत है- नीम ब्रांड का साबून।
तो ऐसे में किराना स्टोर के मालिक को चाहिए कि वह लक्स ब्रांड के साबून के साथ – साथ पतंजलि ब्रांड के नीम ब्रांड का भी साबून रखें। किराना होलसेल मार्केट (Kirana Wholesale Market) बनाने की कोशिस करें।
सिर्फ पतंजलि ब्रांड का साबून ही क्यों बल्कि जितने ब्रांड के साबून का प्रचार टीवी पर, इंटरनेट पर चल रहा हो, उन सभी ब्रांड के साबून अपने किराना स्टोर पर रखना शुरु कर देना चाहिए। इससे यह होगा कि ग्राहक चाहे जिस भी ब्रांड का साबून खरीदने आएगा तो उसके मनपंसद ब्रांड का साबून मिल जायेगा। बदले में किराना स्टोर (Kirana Dukan) के मालिक को मुनाफा हो जायेगा।
किराना दुकान में क्या क्या सामान रखना चाहिए?
एक किराना दुकान (Kirane Ki Dukaan) वह सभी जरुरुत की चीजें होना चाहिए, जिसकी आवश्यकता लोगों के दैनिक जीवन में होती है। जैसे-
- दाल
- चावल
- शक्कर
- चाय
- आटा
- धी
- तेल
- मसाला
- नकम
- नमकीन
- बिस्कुट
- कोकोनट
- सैम्पू
- ड्राई फूड
- फल और सब्जियाँ
- कोल्ड ड्रिंक्स
- ज्यूस
- दूध
- पानी
- कूकीज़
- चिप्स
- कैंडीज़
- चॉकलेट
- पापड़
- क्रीम
- साबुन
- ब्रस
- सेविंग का सामान
- सूजी
- रावा
- खड़ा मसाला
- बच्चों के खाने का सामान
- ब्रेड
- अंड़ा
- बेसन
- बूंदी
- दही का पैकेट, इत्यादि
ग्राहकों के जरूरत के अनुसार सामानों को रखे
माना किसी व्यक्ति को भूख लगी हो। वह भूखा व्यक्ति किसी होटल पर जाकर खाने का ऑर्डर करता है। लेकिन होटल वाला बताता है कि उसके यहां पका खाना नहीं मिलता, बल्कि ताज़ी हरी सब्जियां मिलती हैं।
जिन्हें ग्राहक को अपने घर पर लेकर पकाना होता है। अब आप सोच सकते हैं कि उस ग्राहक की मनोदशा क्या रहेगी। क्या वह ग्राहक उस होटल पर दोबारा कभी जाना पसंद करेगा? कभी नहीं जायेगा। ठीक यही शर्त किराना स्टोर (Parchun Ki Dukan) पर भी लागू होती है। आप को अपने ग्राहकों को ये भी समझाना होगा की किराना सामान कहां सस्ता मिलता है और साथ ही परचून का सामान (parchun ka saman) पूरा होना चाहिये।
किसी भी किराना स्टोर पर अगर ग्राहक के मनमुताबिक सामान उपलब्ध होती है तो, ग्राहक उस दुकान पर बार – बार जाना पसंद करता है। यहां दुकानदार को यह ध्यान रखना चाहिए की एक रजिस्टर अपने पास हमेशा रखे। रजिस्टर में उन सामानों के नाम लिखे जिसे ग्राहक मांगे और आपके पास उपलब्ध न हो।
उस सामान का नाम लिखकर रख लीजिए और समय मिलते ही उस सामान को मंगवा लीजिए, इससे आपके दुकान के ऊपर लोगों की विश्वसनीयता बढ़ती जाएगी। जब ग्राहकों की विश्वसनीयता किसी किराना स्टोर के प्रति बढ़ जाती है तो ग्राहक उस किराना स्टोर से ही खरीदारी करना पसंद करते हैं।
कस्टमर सर्विस अच्छी रखें
एक बार फिर से एक उदाहारण आपके सम्मुख रख रहा हूं। माना कोई ग्राहक किसी किराना स्टोर पर 10 रुपये का बिस्किट खरीदने के लिए जाता है। किराना स्टोर के मालिक को जब पता चलता है कि सामने वाला ग्राहक सिर्फ 10 रुपये की खरीदारी करने आया है।
इसके चलते वह दूकानदार बहुत खराब तरीके से उस ग्राहक से बात करते हुए कह देता है कि उसके किराना स्टोर में 10 रुपये का कोई बिस्किट नहीं है।
अब आप सोचिये कि जब उस ग्राहक को 1000 रुपये का सामान खरीदना होगा तो क्या वह ग्राहक फिर से उस किराना स्टोर पपर जाना पसंद करेगा? बिल्कुल भी नहीं। इस तरह उस किराना स्टोर का मालिक अपना एक ग्राहक हमेशा के लिए गवां देता है।
चूंकि किराना स्टोर का बिजनेस सीधे – सीधे ग्राहकों से जुड़ा बिजनेस हैं। इस बिजनेस कस्टमर सीधे – सीधे दूकानदार से मुखातिब होते हैं। तो दुकानदार की यह जिम्मेदारी होती है कि वह ग्राहक के साथ प्रोफेशनल व्यवहार करे। कस्टमर सर्विस बढ़िया रखे।
कस्टमर सर्विस अच्छी रखने का यहां मतलब है की जब ग्राहक आपके दुकान पर किसी सामान खरीदने आता है तो उसे, जो सामान चाहिए होती है, उसे तुरंत मिलनी चाहिए, बेवजह किसी ग्राहक को इंतजार न करना पड़े। किराना स्टोर का विस्तार करने के लिए कस्टमर सर्विस अच्छी रखना एक अनिवार्य शर्त है।
अपने किराना स्टोर की ब्रांडिंग करें
किराना स्टोर की ब्रांडिंग करने से मतलब है की अपने दुकान के बारे में अच्छी खबरे चलवाने का प्रयास करें। अब आपका सवाल होगा, यह कैसे हो सकता है? तो इसके लिए बहुत ही आसान तरीका यह है की समय – समय आप अपनी दुकान पर कुछ छूट का ऑफ़र देते रहे, जब दुकान पर ऑफर की घोषणा करे तो कुछ पम्पलेट छपवा ले, जब भी कोई ग्राहक आये उसे वह पम्पलेट देते रहे।
इससे यह होगा की आपके दुकान के बारे लोगों की अच्छी राय बनेगी और अधिक लोग खरीदारी करने के लिए आएंगे। साथ ही आपके किराना दुकान का नाम ऐसा होना चाहिए की लोग आसानी से उसे याद रख सकें।
व्यवहार विनम्र होना चाहिए
बिजनेस का एक वसूल होता है “ग्राहक भगवान होते है”, तो अगर आपको अपने किराने के स्टोर का विस्तार करना है तो ग्राहकों की सेवा मुस्कान से करना होगा। आपको इस बात को हमेशा याद रखना है कि मार्केट में और भी दुकानें हैं, जहां पर ग्राहक को उसका सामान मिल सकता है। आपका व्यवहार ही ग्राहक को आपकी दुकान आने के लिए विवश कर सकता है।
नई जगह की तलाश करें
किराने के स्टोर को विस्तार करने के सिलसिले में आप अपनी दुकान की नई ब्रांच खोलना चाहते है तो, सबसे पहला कार्य नई जगह की तलाश करने का कार्य करें। नई जगह ऐसी होनी चाहिए जहां पर लोग रहते हो और साधन क आने – जाने की अच्छी सुविधा मौजूद हो।
अगर आने जाने की सुविधा अच्छी नहीं रहेगी तो सामान ले आने – ले जाने में दिक्कतों का सामना करना पद सकता है। लोगों को पता होना चाहिए की सबसे नज़दीकी सुपरमार्केट कहाँ है?
दुकान के आंतिरक डिज़ाइन का रखें खास ध्यान
कई बार ऐसा होता है कि लोग दुकान को फैंसी दिखाने के चक्कर में बहुत सी जगह बेकार कर देते है, फिर शिकायत रहती है की दुकान में जगह नही है। इसे आप रोक सकते है। जगह बचाने के लिए दुकान के अंदर की डिज़ाइन को इस तरह से बनवाए ताकि अधिक से अधिक जगह बच सके, जहां आप अधिक से अधिक सामान रख सके।
किराना स्टोर का विस्तार करने करने के लिए क्रेडिट सुविधा शुरु करें
आज बिजनेस में सफलता प्राप्त करने का और बिजनेस बढ़ाने का सबसे बेहतरीन उपायों में से एक है- क्रेडिट पर सामान बेचना। मतलब सामान का मूल्य किश्तों में लेना। वर्तमान समय में हर रोज नया प्रोडक्ट लांच हो रहा है।
लेकिन लोगों की आमदनी सीमित है। लेकिन इक्षाओं पर किसी का जोर नहीं होता है। ग्राहक नई चीज तो खरीदना चाहता है लेकिन उसे उसका बटुआ अनुमति नहीं देता है।
ऐसे में अगर कोई कारोबारी किसी ग्राहक के मनपसन्द चीज को आधे दाम पर दे देता है और ग्राहक को यह सुविधा देता है कि वह आधे दाम को महीने की किश्त के अनुसार देने के लिए स्वतंत्र हैं तो क्या ग्राहक वह सामान नहीं खरीदेगा? खरीदेगा।
बिल्कुल खरीदेगा। बल्कि वह ग्राहक उस कारोबारी का मुरीद भी हो जायेगा। उसे जब भी किसी चीज आवश्यकता होगी, वह उसी कारोबारी के यहां जायेगा। इससे बिजनेस बढ़ता रहेगा यानी बिजनेस का विस्तार बहुत तेज गति से होता रहेगा।
अपने किराना स्टोर का प्रचार करें
एक बहुत प्रसिद्ध कहावत है कि ‘जो दिखता है वही बिकता है’। मतलब बिजनेस का विस्तार करने के लिए बिजनेस का लोगों के बीच दिखना अनिवार्य है। आप को पता होना चाहिए की दुकान का प्रचार कैसे करे।
अब किराना स्टोर तो खुद अपने – आप से चलकर लोगों के पास तो जायेगा नहीं कि देखों मैं किराना स्टोर हूं, मेरा यह नाम है और मैं इस जगह पर स्थापित हूं, मेरे यहां फला – फला चीजे मिलती हैं। हो सके तो लोगो को सबसे पास की किराना दुकान तक जाने का रास्ता बताओ।
दुकान का विस्तार करने के लिए ज्योतिष का सहारा लीजिए
भारत में ज्योतिष विद्या की पहचान बहुत पुरानी है। प्राचीन समय से ही हम भारतवासी ज्योतिष विद्या को मानते आ रहे हैं और इसे बहुत सम्मान देते हैं। कारोबार बढ़ाने के लिए ज्योतिष का विद्या का उपयोग करना एक शानदार फैसला साबित हो सकता है।
चूंकि ज्योतिष विद्या में पारंगत लोग गणना के आधार पर यह बता देते हैं कि बिजनेस का भविष्य क्या है और क्या उपाय करने से बिजनेस बढ़ने की संभवना है। तो कारोबारी वह ज्योतिष उपाय करके अपना बिजनेस बहुत आसानी से बढ़ा सकते हैं। यानी बिजनेस का विस्तार करने में ज्योतिष विद्या का उपयोग करना बहुत फलदाई साबित हो सकता है।
हालांकि बिजनेस बढ़ाने के लिए ज्योतिष विद्या का ही उपयोग होना चाहिए, ज्योतिष की आड़ में घूम रहे पाखंडियों की सहायता लेना मुसीबत बन सकता है। ऐसे में जब कारोबारी किसी ज्योतिषी से संपर्क करें तो सबसे पहले उन ज्योतिषी के बारें में अच्छे जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है। फिर जैसे – जैसे ज्योतिषी कहें, उनके कहें अनुसार उपाय करते जाना चाहिए।
बिजनेस बढ़ाने का यह बहुत कारगर साबित होता है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि देश के लगभग सभी बड़े कारोबारी अपना बिजनेस बड़ा करने के लिए ज्योतिष का सहारा जरुर लेते हैं। लेकिन आपको ध्यान रखना है कि आप अपनी आर्थिक हैसियत के अनुसार ही ज्योतिषी से संपर्क करें।
बिजनेस बढ़ाने के लिए कुछ टोटको का भी उपयोग करें
किराना की दुकान बढ़ाने के लिए टोटके बहुत उपयोगी साबित होते हैं। बहुत बार ऐसा देखा गया है कि टोटके करने से किराने की दुकान में ग्राहकों की संख्या बढ़ती है। ग्राहकों की संख्या बढ़ने से बिक्री बढ़ती है। बिक्री बढ़ने से किराना स्टोर का मुनाफा बढ़ता है। जब मुनाफा बढ़ता है तो किराना स्टोर का विस्तार कारोबारी बहुत आसानी से कर सकते हैं।
दुकान में टोटका करने के लिए आपको ज्योतिषी से संपर्क करना होगा। ज्योतिषी ही यह बतायेंगे कि किराना स्टोर का विस्तार करने के लिए क्या टोटका करना चाहिए। इसलिए अपने हिसाब से कोई टोटका करने से बेहतर है कि कारोबारी किसी अच्छे ज्योतिषी से संपर्क करें और उनसे बिजनेस का विस्तार करने से संबंधित टोटकों के बारें में जानकारी प्राप्त करें और जानकारी के अनुसार किराना स्टोर में टोटका करें। यह भी यह सधा हुआ उपाय है।
मार्केट रिसर्च करके जरुरत को समझे
किराना बिजनेस शुरु करने के लिए या दुकान की बिक्री बढ़ाने के लिए बाज़ार का रिसर्च करना सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है। मार्केट रिसर्च से यह पता चलता है कि जिस स्थान पर आपकी दुकान है, वहां पर लोग कैसे हैं और वहां के लोगों की जरूरत क्या है।
बिजनेस की लोकेशन का भी फर्क पड़ता है
बिजनेस के मामले में लोकेशन बहुत महत्वपूर्ण होती है। फर्ज करें शाकाहारी लोगों के मुहल्ले में मांस की दुकान खोलना कितना उचित है और वह दूकान कितनी चलेगी।
इसीलिए नया बिजनेस स्टार्ट करने से पहले के साथ – साथ पुराने बिजनेस के लोकेशन के संबंध में समय – समय पर जानकारी लेते रहना जरुरी होता है। क्योंकि लोगों की सोच समय – समय पर बदलती रहती है।
बिजनेस की लोकेशन ऐसी होना चाहिए जहां तक लोगों की आसानी से पहुंच हो सकती हो और लोग वहां पर खरीददारी करने आते हों। बिजनेस लोकेशन पर लाइट इत्यादि का मुक्कमल ध्यान रखना चाहिए।
ग्राहको के लिए बेहतर इंतजाम करें
परचून की दुकान में प्रवेश करते समय कोई भी दुकानदार सबसे पहले एक ट्रॉली, गाड़ी या टोकरी उठाएगा। यह एक साधारण विकल्प की तरह लग सकता है, लेकिन यह एक रिटेलर को उन विकल्पों और खरीद के बारे में बहुत कुछ बताता है जो उपभोक्ताओं के लिए योजनाबद्ध होने से पहले ही गलियारों में पहुंच जाते हैं।
यात्रा की लंबाई, सप्ताह के दिन और गुजरने की संख्या को ध्यान में रखते हुए और खरीदारी की शुरुआत के समय अपने द्वारा उठाए गए औजारों के आधार पर एक दुकानदार बनाता है, एक रिटेलर अलग-अलग टूल के प्लेसमेंट और वॉल्यूम की व्यवस्था कर सकता है बिक्री बढ़ाने के लिए कुछ निश्चित अवधि।
ऐसे मामले में जहां एक रिटेलर यह विश्लेषण करता है कि उसके ग्राहक सुबह 8 बजे से 11 बजे के बीच सप्ताहांत पर बड़ी मात्रा में उपज खरीदते हैं, लेकिन उस टाइमस्टैम्प पर दुकानदारों के लिए केवल छोटे बास्केट उपलब्ध हैं, बिक्री में कमी होना तय है।
इसलिए एक रिटेलर को प्रत्येक व्यक्तिगत अवधि के लिए ग्राहक की अपेक्षित मात्रा के प्रति हमेशा सचेत रहना चाहिए और खरीदारी के सही साधन उपलब्ध कराने चाहिए।
सही विश्लेषिकी डेटा के साथ, यह कार्य जल्दी और कुशलता से किया जा सकता है। लेकिन इसका एक दूसरा पक्ष यह है कि खुदरा विक्रेता कृत्रिम रूप से कुछ उपकरणों की संख्या बढ़ाने और दूसरों को कम करने के लिए ग्राहकों को अधिक खरीदने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। हालांकि, इसे मॉडरेशन में किया जाना चाहिए ताकि दुकानदारों के असंतोष को उकसाया न जा सके।
आइटम कैटेगरी के अनुसार रखे
प्रत्येक श्रेणी स्वयं का एक ब्रह्मांड है, जिसे इस तरह से प्रबंधित किया जाना है, कि यह न केवल अन्य श्रेणियों को पहले और बाद में माना जाता है, बल्कि इसके भीतर वस्तुओं का प्रबंधन और व्यवस्था भी है।
इसलिए न केवल प्रत्येक श्रेणी को प्रत्येक आइटम पर अधिकतम बिक्री के बारे में चिंतित किया जाता है, बल्कि उपलब्ध विकल्पों की विविधता और उनके साथ ग्राहकों के व्यवहार पर भी संतुलन रखा जाता है।
इसलिए, किराना दुकान का डिजाइन किसी भी दुकान की बिक्री योजना का एक अभिन्न अंग है और आपकी दुकान की बिक्री बढ़ाने के लिए एक मास्टर पीस है। आपके किराने का सामान (dukaan ka saman) आसानी से मिलना चाहिए।
चार श्रेणी भूमिकाएँ हैं कि कोई उपभोक्ता उनके प्रति कैसा व्यवहार करता है: गंतव्य, दिनचर्या, मौसमी, या सुविधा। आधुनिक विश्लेषणात्मक उपकरणों और व्यापार खुफिया अनुप्रयोगों का उपयोग करते हुए, इन पर डेटा का विश्लेषण और एक्सट्रपॉलिट किया जाता है, जिससे एक खुदरा विक्रेता को इष्टतम बिक्री के लिए प्रत्येक श्रेणी को फाइन-ट्यून करने की अनुमति मिलती है।
लोगो को सही जगह काम पर तैनात करें
सबसे लचीले संसाधनों में से एक जो एक दुकान के निपटान में है, वह है इसके कर्मचारी सदस्य। सही समय और अंतराल पर श्रमिकों की सही संख्या और प्लेसमेंट होने से एक स्टोर के लिए आश्चर्यजनक रूप से उच्च रिटर्न मिल सकता है। यह न केवल दुकानदारों की सहायता करने या आइटम चेकआउट की गति को तेज करने के लिए किया जाता है, बल्कि कुछ ब्रांडों और श्रेणियों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए भी किया जाता है।
अधिक उन्नत शेड्यूलिंग प्रबंधन सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके, स्टोर को भविष्य की ग्राहक यात्राओं की भविष्यवाणी करने की क्षमता प्रदान की जाती है, स्टोर पर कर्मचारी संरचना के लिए इष्टतम आकार की गणना करें, और प्रत्येक कर्मचारी के लिए अधिक पर्याप्त शेड्यूल की पहचान करें जो पूरी तरह से व्यवसाय और कर्मचारी की आवश्यकताओं के अनुरूप हो।
लेकिन एक बुरा स्टाफ शेड्यूलिंग अक्षमता और छिपी लागत उत्पन्न करेगा जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता है। शॉपपरमोशन ग्राहकों को जारी किए गए रीयल-टाइम अलर्ट की अनुमति देता है जब स्टोर पर कुछ क्षेत्रों में उच्च ट्रैफ़िक वॉल्यूम का पता लगाया जाता है।
अपनी क्रॉस-सेलिंग रणनीति को परिभाषित करें
स्थान, दृश्यता और स्टॉक प्रबंधन जैसे कारकों को लेते हुए, एक स्टोर के भीतर सभी वस्तुओं के सहसंबंधी मैट्रिक्स होने से प्रबंधन अधिक प्रभावी क्रॉस-सेलिंग रणनीति बनाने की अनुमति देगा। एक बार जब कोई स्टोर अपने द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न वस्तुओं पर एक सहसंबंधी मैट्रिक्स उत्पन्न कर सकता है, तो क्रॉस-सेलिंग की सुविधा के लिए एक उच्च सहसंबंध कारक वाली वस्तुओं को एक दूसरे के बगल में या सुलभ पहुंच के भीतर रखा जा सकता है।
यह ध्यान देने योग्य है कि सहसंबंध मैट्रिक्स शायद ही कभी सममित है। यह इस तथ्य के कारण है कि प्रत्येक शॉपर यात्रा अलग है और इसलिए विभिन्न श्रेणियों को पार करती है और वे जिस क्रम में जाते हैं, अर्थात्, सब्जी की श्रेणी में आने वाले दुकानदारों की कुल संख्या और बेकरी की श्रेणी भी पीछे नहीं है। इसलिए, इन श्रेणियों को सहसंबंधित करने की संभावनाएं भिन्न होती हैं।
इन-स्टोर प्रचार के लिए सर्वश्रेष्ठ समय चुनें
उच्च ग्राहक मात्रा में इन-स्टोर प्रचार के लिए एक सुनहरा अवसर प्रस्तुत करता है और एक बार ग्राहक की मात्रा के डेटा का विश्लेषण करने के बाद, इन-स्टोर अभियानों को मैच के लिए व्यवस्थित किया जा सकता है। दिन के समय, दुकानदारों के प्रकार, मौसम और अन्य जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए, एक लक्षित अभियान स्टोर में न्यूनतम लागत के साथ प्रभावशाली बिक्री परिणाम प्राप्त कर सकता है। इसलिए यह जानकारी जानना मूल्यवान है कि सप्ताह के सर्वश्रेष्ठ क्षण इन-स्टोर लॉन्च करने के लिए क्या हैं: नए उत्पादों का परीक्षण, विज्ञापन, या पर्चे, ब्रोशर और प्रचार किटों का वितरण।
अपने दुकान का गलियारा का भी उपयोग करें
आपके स्टोर के गलियारे का लेआउट ग्राहक के लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक है जो स्टोर के भीतर उपलब्ध है, इसलिए इसकी एक उचित व्यवस्था से उच्च खरीद हो सकती है और यह आपके स्टोर की बिक्री बढ़ाने के लिए बाहर देखना मुख्य मीट्रिक में से एक है। शॉप प्रमोशन द्वारा प्रदान किए गए विभिन्न विश्लेषणात्मक उपकरणों का उपयोग करते हुए, आप अपने दुकानदारों की व्यवहारगत विशेषताओं को एक्सट्रपलेशन कर सकते हैं और विभिन्न गलियारों पर उत्पादन की सबसे इष्टतम व्यवस्था हासिल कर सकते हैं और जिस क्रम में वे ग्राहकों को दिखना चाहिए, इसलिए जब यह आता है तो बिक्री को अधिकतम करना चाहिए। मुख्य गलियारा
दुकान की ब्रांच अन्य स्थानों पर शुरु करें
नए स्टोर खोलना कई खुदरा विक्रेताओं के लिए एक आम विस्तार की रणनीति है। अन्य स्थानों में दुकान स्थापित करने से आप अपने ब्रांड की उपस्थिति को व्यापक रूप से बढ़ा सकते हैं और नए ग्राहकों तक पहुँच सकते हैं।
किराना स्टोर आइटम लिस्ट
किसी भी दुकान या स्टोर में जब भी कोई ग्राहक जाता है तो सबसे पहले ग्राहक दुकान की तरफ देखता है। फिर याद करता है कि उसे क्या – क्या चाहिए। जो – जो सामान उसे स्टोर में दिखता है, उसे याद करके ले जाता है। अगर सामान उसे नहीं दिखता है तो ग्राहक भूल जाता है। लेकिन, यहां पर ग्राहक के हाथ में एक आइटम लिस्ट होगी तो ग्राहक तुरंत सभी लिस्ट में से देखकर बता सकता है कि उसे क्या – क्या चाहिए। इसलिए स्टोर पर एक कैटलॉग यानी आइटम लिस्ट होना जरुरी होता है।
किराना सामान रेट होलसेल
दाल के होलसेल दाम
- अरहर दाल – 60 से 80 रुपये प्रति किलो
- उड़द दाल – 70 से 150 रुपये प्रति किलो
- मूंग दाल – 100 से 150 रुपये प्रति किलो
- सफेद चना – 70 से 100 रुपये प्रति किलो
- चना दाल – 50 से 60 रुपये प्रति किलो
- साबुत मूंग – 70 से 110 रुपये प्रति किलो
- राजमा – 100 से 150 रुपये प्रति किलो
- मूंग छिलका दाल – 110 से 150 रुपये प्रति किलो
- काला चना – 50 से 80 रुपये प्रति किलो
- साबुत उड़द दाल – 100 से 160 रुपये प्रति किलो
रसोई के सामान का होलसेल दाम
- नमक – 10 से 40 रुपये प्रति किलो
- लाल मिर्च पाउडर – 300 से 400
- गरम मसाला – 30 से 40 रुपये में 100 ग्राम
- बेकिंग सोडा – 20 से 30 रुपये में 100 ग्राम
- हल्दी पाउडर – 40 रुपये में 100 ग्राम
- पाव भाजी मसाला – 30 से 40 रुपये में 50 ग्राम
- सांभर मसाला – 30 से 40 रुपये में 100 ग्राम
- धनिया पाउडर – 20 से 30 रुपये में 100 ग्राम
- अमचूर पाउडर – 100 से 150 रुपये में 100 ग्राम
- मंजूरियन मसाला – 100 से 120 रुपये में 100 ग्राम
- चाऊमीन मसाला – 40 से 60 रुपये में 100 ग्राम
- कस्टर्ड पाउडर – 30 से 40 रुपये में 100 ग्राम
रसोई सामान (साबुत) के होलसेल के दाम
- सौंफ – 30 से 40 रुपये में 100 ग्राम
- लौंग – 100 से 140 रुपये में 100 ग्राम
- मेथी दाना – 50 से 60 रुपये में 100 ग्राम
- धनिया – 80 से 100 रुपये में 100 ग्राम
- छोटी इलायची – 150 से 200 रुपये में 50 ग्राम
- राई – 40 से 50 रुपये में 250 ग्राम
- जीरा – 60 से 80 रुपये में 100 ग्राम
- अजवाइन – 150 रुपये में 100 ग्राम
- हींग – 15 से 50 रुपये में 25 ग्राम
- सोंठ – 100 से 120 रुपये में 100 ग्राम
मोटे अनाज के होलसेल दाम
- गेहूं का आटा – 25 से 35 रुपये प्रति किलो
- मैदा – 35 से 45 रुपये प्रति किलो
- बासमती चावल – 55 से 65 रुपये प्रति किलो
- चीनी – 35 से 40 रुपये प्रति किलो
- शहद – 100 से 120 रुपये में 250 ग्राम
- सूजी – 40 से 55 रुपये प्रति किलो
- बेसन – 35 से 40 रुपये में एक पाव
- चावल – 40 से 150 रुपये प्रति किलो
- गुड – 40 से 55 रुपये प्रति किलो
- मक्के का आटा – 80 से 90 रुपये प्रति किलो
चाय नास्ता इत्यादि सामान के होलसेल के दाम
- चाय – 65 से 75 रुपये में एक पाव
- कॉफी – 60 से 75 रुपये में एक पाव
- शक्कर – 35 से 40 रुपये प्रति किलो
- ब्राउन ब्रेड – 25 से रुपये प्रति पैकेट शुरु
- पॉपकॉर्न – 30 से 40 रुपये में 100 ग्राम
- नमकीन, सेव – 120 से 160 रुपये प्रति किलो
- चिप्स – 10 से 20 रुपये प्रति पैकेट
- सूखे मेवे – 150 से 200 रुपये प्रति पैकेट
- मूंगफली – 125 से 140 रुपये प्रति किलो
- मखाना – 500 से 700 रुपये प्रति किलो
- नूडल – 30 से 40 रुपये प्रति एक पाव
- चिप्स पास्ता – 20 से 40 रुपये प्रति पैकेट
- ब्रेड – 10 रुपये पैकेट से शुरु
- कुरकुरा – 5 रुपये प्रति पैकेट से शुरु
- पास्ता – 50 से 60 रुपये प्रति पैकेट से शुरु
- टोस्ट – 10 रुपये प्रति पैकेट के साथ शुरु
- बिस्कुट – 5 रुपये प्रति पैकेट के साथ शुरु
- कुरकुरे
क्या दुकान खोलना एक फायदे का सौदा है?
दुकान खोलना एक अति फायदे का सौदा है। क्योंकि लोगों को रोज की जरुरत की चीजों को खरीदने के लिए एक दुकान पर जाना ही पड़ता है। इस लिहाज से देखा जाय तो दुकान के बिजनेस में कभी मंदी नहीं आती है।
किराना सामान रेट होलसेल 2021 कहां मिलता है?
किराना सामान रेट होलसेल 2021 दिल्ली में बहुत आसानी के साथ मिल जाता है। चांदनी चौक देश का प्रसिद्ध किराना होलसेल मार्केट है। वहां पर आपको अच्छे दामों पर किराना सामान रेट होलसेल 2021 आसानी से मिल जाता है।
किराना दुकान प्रोजेक्ट क्या होता है?
जब भी कोई बिजनेस शुरु किया जाता है तो उसका एक प्रोजेक्ट बनाया जाता है। ठीक इसी तरह किराना दुकान प्रोजेक्ट भी बनाया जाता है। किराना दुकान प्रोजेक्ट में इस बात को बताया जाता है कि दुकान कितनी बड़ी होगी और दुकान का लोकेशन इत्यादि कहां होगा।
किराना दुकान प्रोजेक्ट बनाने से बिजनेस लोन मिलने में आसानी होता है।
परचून की दुकान का सामान कहां मिलता है?
परचून की दुकान का सामान हर जगह पर मिल जाता है। हालांकि थोक में लेने पर रेट थोड़ा सस्ता मिलता है। परचून की दुकान का सामान खरीदने के लिए आपको एक आड़ंतियां को तय करना होता है। यह आड़तिया आपके नजदीकी बाजार का हो सकता है। उसको तय करने के बाद आपके परचून की दुकान का सामान आसानी मिल जाएगा।
